NEWS - Silver Screen

बीजिंग। लिउ नाम की लेखिका को अन्हुई प्रांत की एक अदालत ने बीते माह अश्लील सामग्री लिखने और उसे बेचने पर जेल भेजा। 'ऑक्युपेशन' नाम का उपन्यास 'पुरुषों के समलैंगिक संबंधों पर आधारित है। मगर उनकी सजा की अवधि लंबी होने से चीन के सोशल मीडिया पर इसका विरोध किया जा रहा है। मीडिया के अनुसार, इंटरनेट पर तियां यी कहलाने वाली लिउ ने अदालत में एक अपील दायर की है।

पाकिस्तान में सामने आई बड़ी जालसाजी, टीके बर्बाद करती पकड़ी गई पोलियो टीम

चीन में पोर्नोग्राफी गैरकानूनी

चीन में पोर्नोग्राफी गैरकानूनी है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, 31 अक्टूबर को लिउ को वुहू के पीपल्स कोर्ट ने 'अश्लील सामग्री' को फायदे के लिए लिखने और बेचने के लिए सजा सुनाई गई। हालांकि सुनवाई के ब्योरे चीनी मीडिया में इसी हफ्ते सामने आए। लिउ का उपन्यास जब ऑनलाइन माध्यम पर लोकप्रिय होने लगा तो पुलिस अधिकारियों को इसकी खबर दी गई।

सजा की अवधि बहुत ज्यादा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,लिउ की किताब 'ऑक्युपेशन' और अन्य कामुक उपन्यासों की 7,000 से अधिक प्रतियां बिकी,जिस पर उन्हें डेढ़ लाख युआन यानी लगभग 15 लाख 46 हजार रुपये का फायदा हुआ। लेकिन कई सोशल मीडिया यूजर्स का मानना है कि इसके लिए उन्हें जो सजा दी गई वो बहुत ज्यादा है। एक यूजर ने 2013 की एक घटना का हवाला दिया, जिसमें एक पूर्व अधिकारी को चार साल की बच्ची के साथ बलात्कार करने पर आठ साल की सजा सुनाई गई थी। एक अन्य यूजर ने लिखा,जो बलात्कार के लिए दोषी पाए गए उन्हें 10 साल से कम की सजा मिलती है। इस लेखिका को 10 साल की सजा मिली।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2OTsWqV

No comments: