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माले। मालदीव में कुछ दिन पहले हुए चुनाव के बाद लोगों में डर और दुविधा का माहौल है। लोगों को ये चिंता सता रही है कि चुनावों में हार के बाद भी राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन सत्ता में बने रहने की कोशिश कर सकते हैं। दरअसल उनके कार्यकाल के दौरान लोगों को वहां की राजनीति में कई तरह की उथल-पुथल का सामना करना पड़ा था।

सेना ने अटकलों पर दी सफाई

हालांकि मालदीव सेना के प्रमुख ने ऐसी सभी अटकलों पर विराम लगा दिया। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए अपने बयान में कहा कि सशस्त्र बल लोगों की मत और इच्छा का सम्मान करेगा। सेना प्रमुख मेजर जनरल अहमद शियाम ने बुधवार को एक बयान में कहा, 'लोगों ने अपनी बात कह दी है।' यही नहीं उसी दिन पुलिस प्रमुख अब्दुल्ला नवाज ने भी इस मामले में टिप्पणी की। उन्होंने कहा, 'मैं मालदीव के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सेना लोगों की इच्छा का पूरा सम्मान करेगी।'

इस कारण बढ़ रहा था दुविधा का माहौल

गौरतलब है कि मतदान के दौरान आ रही धांधली की खबरों के बावजूद रविवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के नेता इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने यामीन को हरा दिया। रविवार को ही चुनाव आयोग ने चुनावी नतीजों को औपचारिक घोषणा भी की। इसके बाद यामीन 17 नवंबर को सोलिह को सत्ता सौंप देंगे। हालांकि, नतीजे के बाद सोशल मीडिया और अन्य ऐसे प्लेटफॉर्मों पर ऐसी अफवाहें फैलीं की यामीन अब चुनाव आयोग के सामने एक याचिका दायर कर सकते हैं, जिससे वो सत्ता में बने रह सकते हैं।

राष्ट्रपति यामीन ने की थी इमरजेंसी की घोषणा

लोगों में उनके सत्ता वापसी को लेकर चिंता की वजह ये है कि हाल ही में उन्हें वहां राजनीतिक संकट झेलना पड़ा था। इसी साल की शुरुआत यानी फरवरी में यामीन ने देश में इमरजेंसी की घोषणा की थी। बता दें कि यामीन 2013 से मालदीव की सत्ता संभाल रहे हैं।



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