बर्लिन। जर्मनी के एक डॉक्टर ने रूसी प्रदर्शनकारी संगठन 'पुस्सी राइट' के एक सदस्य को जहर दिए जाने की संभावना जताई है। इस प्रदर्शनकारी को तबियत बिगड़ने के बाद पिछले हफ्ते विशेष स्वास्थ्य इलाज के लिए बर्लिन भेजा गया था। बताया गया है कि फीफा विश्वकप फाइनल में मैदान पर दौड़ने वाले प्योत्र वर्जिलोव मास्को में एक अदालत में 11 सितम्बर को सुनवाई के दौरान बीमार हो गए थे जिसके बाद उन्हें गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कार्यकर्ता की हालत में हो रहा है सुधार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बर्लिन चैरिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर काई-उवे एकार्ट ने संवाददाताओं को जानकारी दी है कि ऐसी लगता है कि किसी बाहरी तत्व ने वर्जिलोव के शरीर पर हमला किया है और डॉक्टर उसका स्रोत बताने में असमर्थ रहे हैं। कहा जा रहा है जहर ने सीधे उनके नर्वस सिस्टम पर निशाना बनाया है। हालांकि एकार्ट ने कहा कि कार्यकर्ता सघन निगरानी कक्ष में है और उसकी हालत में सुधार हो रहा है।
शनिवार को इलाज के लिए लाए गए थे बर्लिन
बता दें कि 'पुस्सी राइट' की वकालत कर चुके और उड़ान की व्यवस्था करने वाले जर्मनी के एक गैर लाभकारी मानवतावादी संगठन 'सिनेमा फॉर पीस फाउंडेशन' की मदद से वर्जिलोव शनिवार को बर्लिन लाए गए। वर्जिलोव 15 जुलाई को फीफा विश्व कप के फ्रांस और क्रोशिया के बीच हुए फाइनल में पुलिस अधिकारियों की वर्दी पहनकर मैदान में घुसने वाले संगठन के चार सदस्यों में शामिल थे।
इस वजह से किया था विरोध
देश भर की जेलों और पुलिस पूछताछ में कथित रूप से लगातार उत्पीड़न की खबरें आने के बाद संगठन ने स्टेडियम में घुसकर रूसी पुसिस की कथित बर्बरता का विरोध किया था। गौरतलब है कि रंगीन मुखौटों से चेहरा छिपाने के लिए प्रसिद्ध संगठन 'द रसियन पंक बैंड' रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन का मुखर विरोधी है।
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