नई दिल्ली। दशकों बीत जाने के बावजूद अफगानिस्तान में अब भी आतंकियों से संघर्ष जारी है। सरकार ने गजनी शहर पर कब्जे कर रहे तालिबान से लड़ाई में स्पेशल फोर्स को उतारा है। इस लड़ाई में अब तक सौ से ज्यादा अफगान सुरक्षाबल शहीद हो चुके हैं। इस मुश्किल लड़ाई में आतंकियों को हराने के लिए अधिक फोर्स को लगाया जा रहा है। गंजनी पर कब्जा करने के लिए आतंकी लगातार यहां हमला कर रहे हैं। तालिबानी आतंकी पांच दिन से शहर के अंदर घुसे हुए हैं और लोगों को मार रहे हैं।
अफगानिस्तान के लिए अहम शहर
कई छोर से हमले के बाद आतंकियों ने शहर के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। इसके मायने लगाए जा रहे हैं कि आतंकियों पूरी शक्ति के साथ इस शहर पर कब्जा करने के लिए हमला किया है। तालिबान काबुल से महज 120 किलोमीटर दूर स्थित शहर के इतने अंदर तक घुस गया है कि अफगान सेना के लिए उन्हें बाहर निकालना बड़ी चुनौती होगा। अमेरिका ने अफगान बलों की मदद के लिए सैन्य सलाहकारों को भेजा है। अगर 27 हजार की आबादी वाला गजनी हाथ से निकल जाता है तो यह तालिबान के लिए बड़ी जीत होगी। यह दक्षिणी प्रांतों से काबुल को जोड़ने वाले एक अहम राजमार्ग से भी संपर्क तोड़ देगा।
हजार अतिरिक्त सैनिकों को भेजा
अफगान के रक्षा मंत्री बहरामी ने कहा कि गजनी को तालिबान के हाथों में जाने से रोकने में मदद के लिए तकरीबन एक हजार अतिरिक्त सैनिकों को शहर में भेजा गया है। उन्होंने बताया कि तालिबान के 12 नेताओं समेत 194 विद्रोही मारे गए हैं। तालिबान ने शहर के सारे संपर्क काट दिए हैं। उसने बाहरी हिस्से में स्थित एक टेलीफोन टॉवर को तबाह कर दिया है। सभी लैंडलाइन और मोबाइल फोन का संपर्क टूट गया है।
कई जिलों पर कब्जा
पिछले कुछ महीनों के दौरान तालिबान ने देश के कई बाहरी जिलों पर कब्जा किया है। तकरीबन रोज ही अफगान सुरक्षा बलों पर हमला किया है, लेकिन शहरी इलाकों पर कब्जा करने में नाकाम रहा था। यहां पर अफगान फौज आतंकियों पर भारी पड़ी हैं। अमरीका और नाटो ने 2014 के अंत में अफगानिस्तान में अपना जंगी मिशन औपचारिक तौर पर बंद कर दिया था। इसके बाद से यहां की स्थिति खराब हो रही है।
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